खराब शेयरों की पहचान कैसे करें? | How To Identify Bad Stocks in Hindi

How To Identify Bad Stocks in Hindi: शेयर बाजार में निवेश करना एक लाभदायक निर्णय हो सकता है, लेकिन अगर गलत शेयर चुने जाते हैं, तो यह नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए खराब शेयरों की पहचान करना बेहद जरूरी है। ऐसे शेयर, जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उनकी पहचान करने के लिए कई संकेत और मापदंड होते हैं। इस लेख में हम विस्तार से उन बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जो खराब शेयरों की पहचान करने में मदद करते हैं।

खराब शेयरों की पहचान कैसे करें? | (How To Identify Bad Stocks in Hindi)


1. कंपनी पर अधिक कर्ज होना

किसी भी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए उसके कर्ज की जांच करना जरूरी है।

  • अगर कंपनी पर अत्यधिक कर्ज है और वह इसे समय पर चुकाने में असमर्थ है, तो यह संकेत है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब है।
  • कर्ज के अनुपात (Debt-to-Equity Ratio) को देखना चाहिए। यदि यह अनुपात 1 से अधिक है, तो यह जोखिमपूर्ण हो सकता है।
  • कर्ज अधिक होने से कंपनी का प्रॉफिट कर्ज के ब्याज को चुकाने में चला जाता है, जिससे विकास की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

2. प्रमोटर होल्डिंग का कम होना

किसी कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी यह बताती है कि कंपनी के मालिकों का उसमें कितना विश्वास है।

  • यदि प्रमोटर होल्डिंग 30% से कम है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
  • प्रमोटर्स द्वारा लगातार हिस्सेदारी बेचने का मतलब है कि वे कंपनी के भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
  • प्रमोटर होल्डिंग में गिरावट आमतौर पर कंपनी की खराब प्रदर्शन क्षमता या किसी वित्तीय संकट का संकेत हो सकती है।

3. ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) का कम होना

ROI बताता है कि कंपनी अपने निवेश पर कितना मुनाफा कमा रही है।

  • यदि कंपनी का ROI लगातार कम हो रहा है, तो इसका मतलब है कि वह अपने संसाधनों का सही उपयोग नहीं कर रही।
  • सामान्यतः, अच्छा ROI 15% या उससे अधिक माना जाता है।
  • ROI में गिरावट यह दिखाती है कि कंपनी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही है।

4. प्रॉफिट का लगातार गिरना

कंपनी के प्रॉफिट का ट्रेंड उसकी स्थिरता और विकास क्षमता को दिखाता है।

  • यदि कंपनी का मुनाफा लगातार कम हो रहा है, तो यह खराब वित्तीय प्रदर्शन का संकेत है।
  • किसी कंपनी के प्रॉफिट और रेवेन्यू के आंकड़ों को कम से कम 5 साल के लिए जांचना चाहिए।
  • प्रॉफिट में गिरावट अक्सर खराब प्रबंधन, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, या उच्च परिचालन लागत का परिणाम हो सकती है।

5. P/E (प्राइस-टू-अर्निंग) अनुपात का ज्यादा होना

P/E अनुपात यह बताता है कि कंपनी का शेयर उसकी आय के मुकाबले कितना महंगा है।

  • यदि P/E अनुपात बहुत ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि कंपनी के शेयर की कीमत उसकी वास्तविक आय से अधिक है।
  • ज्यादा P/E अनुपात यह दर्शा सकता है कि शेयर ओवरवैल्यूड है और उसमें गिरावट की संभावना है।
  • सामान्यतः, 20-25 के बीच P/E अनुपात को सुरक्षित माना जाता है।

6. EPS (अर्निंग पर शेयर) का लगातार घटना

EPS यह बताता है कि प्रत्येक शेयर पर कंपनी की कितनी कमाई हो रही है।

  • यदि EPS लगातार घट रहा है, तो यह संकेत है कि कंपनी का प्रदर्शन कमजोर हो रहा है।
  • यह निवेशकों के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि EPS में गिरावट से शेयर की बाजार कीमत पर भी असर पड़ता है।

7. कंपनी की मैनेजमेंट क्वालिटी का खराब होना

किसी भी कंपनी की सफलता में उसका प्रबंधन (Management) अहम भूमिका निभाता है।

  • यदि कंपनी का प्रबंधन पारदर्शी नहीं है या बार-बार विवादों में फंसता है, तो यह जोखिम का संकेत है।
  • खराब मैनेजमेंट का मतलब है कि कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति में कमी है।

8. उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

यदि कंपनी जिस उद्योग में है, उसमें प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है और कंपनी अपने मार्केट शेयर को बनाए नहीं रख पा रही है, तो यह एक नकारात्मक संकेत है।

  • लगातार बाजार हिस्सेदारी का कम होना दर्शाता है कि कंपनी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही है।

9. कम नकदी प्रवाह (Low Cash Flow)

कंपनी के पास नकदी प्रवाह की कमी होना दर्शाता है कि वह अपने दैनिक खर्चों और निवेशों को सही तरीके से प्रबंधित नहीं कर पा रही।

  • कम नकदी प्रवाह वाली कंपनियां अक्सर कर्ज लेने पर निर्भर हो जाती हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और खराब हो सकती है।

10. रेगुलेटरी मुद्दे और कानूनी विवाद

यदि कंपनी अक्सर कानूनी विवादों में फंसी रहती है या रेगुलेटरी संस्थानों से चेतावनी मिलती रहती है, तो यह निवेशकों के लिए खतरे का संकेत है।

  • ऐसे मामलों में कंपनी का ब्रांड मूल्य और वित्तीय स्थिति दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

11. लो फ्री फ्लोट

लो फ्री फ्लोट का मतलब है कि कंपनी के अधिकांश शेयर प्रमोटर्स के पास हैं, जिससे शेयर की तरलता (Liquidity) कम हो जाती है।

  • यह स्टॉक की कीमत में ज्यादा उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है।

12. अन्य महत्वपूर्ण संकेत (लिस्ट के रूप में)

  • रेवेन्यू में लगातार गिरावट: यह कंपनी के उत्पादों और सेवाओं की मांग में कमी का संकेत है।
  • नए प्रोडक्ट्स या इनोवेशन की कमी: यह दिखाता है कि कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही है।
  • सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल की कमी: ऐसे बिजनेस मॉडल, जो दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ न हों, जोखिम भरे हो सकते हैं।

निष्कर्ष

खराब शेयरों की पहचान करने के लिए ऊपर बताए गए सभी बिंदुओं को ध्यान में रखना जरूरी है। निवेश से पहले कंपनी के वित्तीय दस्तावेज, प्रबंधन, और बाजार स्थिति का गहराई से विश्लेषण करें। शेयर बाजार में सफलता का मुख्य मंत्र है सही ज्ञान और धैर्य। अतः निवेशकों को सतर्कता से फैसले लेने चाहिए और खराब शेयरों से बचने के लिए हर संभव उपाय करना चाहिए।