बोनस शेयर एक ऐसा तरीका है, जिसके माध्यम से कंपनियां अपने मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर प्रदान करती हैं। यह कंपनियों द्वारा उनके मौजूदा शेयरधारकों को उनके पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या के अनुपात में दिए जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करती है, तो इसका मतलब है कि प्रत्येक 2 शेयरों के लिए निवेशक को 1 अतिरिक्त शेयर मुफ्त मिलेगा।
बोनस शेयर जारी करने का उद्देश्य
बोनस शेयर जारी करने के पीछे कंपनी का मुख्य उद्देश्य अपने शेयरधारकों को पुरस्कार देना और शेयरों की तरलता को बढ़ाना होता है। यह उन कंपनियों द्वारा किया जाता है जो अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन अपने मुनाफे को नकद लाभांश के रूप में देने के बजाय, वे इसे बोनस शेयर के रूप में शेयरधारकों को देना चाहती हैं।
बोनस शेयर कैसे काम करते हैं?
बोनस शेयर जारी करने से कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कंपनी की कुल पूंजी में कोई बदलाव नहीं होता। हालांकि, बोनस शेयर जारी करने के बाद प्रत्येक शेयर की कीमत गिर जाती है, क्योंकि अब कुल शेयरों की संख्या बढ़ चुकी होती है। उदाहरण के लिए:
- मान लीजिए कि किसी कंपनी के पास 1,00,000 शेयर हैं और प्रत्येक शेयर की कीमत 100 रुपये है। कंपनी का कुल बाजार मूल्य (Market Capitalization) 1 करोड़ रुपये है।
- यदि कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करती है, तो कुल शेयरों की संख्या बढ़कर 2,00,000 हो जाएगी, लेकिन प्रत्येक शेयर की कीमत घटकर 50 रुपये हो जाएगी, ताकि कंपनी का कुल बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपये ही रहे।
बोनस शेयर के फायदे
- शेयरधारकों को लाभ: बोनस शेयर से मौजूदा शेयरधारकों को अधिक शेयर मिलते हैं, जिससे उनके पास अधिक संख्या में शेयर हो जाते हैं, भले ही कंपनी की कुल पूंजी में कोई वृद्धि न हो।
- लिक्विडिटी बढ़ाना: जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत बहुत अधिक होती है, तो निवेशकों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो सकता है। बोनस शेयर जारी करने से शेयर की कीमत घटती है, जिससे अधिक लोग इसे खरीद सकते हैं और शेयर की तरलता बढ़ती है।
- पुनः निवेश के अवसर: बोनस शेयर कंपनी के लाभांश को पुनः निवेश का एक तरीका प्रदान करते हैं। इससे शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं, बिना अतिरिक्त निवेश किए।
- टैक्स में फायदा: बोनस शेयर पर शेयरधारकों को तत्काल कर नहीं चुकाना पड़ता है, जबकि नकद लाभांश पर कर लागू हो सकता है।
बोनस शेयर के नुकसान
- शेयर की कीमत में गिरावट: बोनस शेयर जारी करने के बाद कंपनी के शेयर की प्रति शेयर कीमत घट जाती है, क्योंकि कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, यह कंपनी के बाजार मूल्य पर कोई असर नहीं डालता है।
- लाभांश प्रति शेयर में कमी: जब कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे भविष्य में दिए जाने वाले प्रति शेयर लाभांश की राशि कम हो सकती है।
- शेयर की वास्तविक कीमत पर कोई प्रभाव नहीं: बोनस शेयर जारी करने से शेयरधारक के पोर्टफोलियो के कुल मूल्य पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ता है, क्योंकि शेयरों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रति शेयर की कीमत घट जाती है।
बोनस शेयर जारी करने की शर्तें
कंपनियां बोनस शेयर जारी करने के लिए कुछ शर्तों का पालन करती हैं:
- अधिकृत पूंजी: कंपनी के पास इतनी अधिकृत पूंजी होनी चाहिए कि वह बोनस शेयर जारी कर सके।
- अतिरिक्त मुनाफा: बोनस शेयर तब जारी किए जाते हैं जब कंपनी के पास पर्याप्त अधिशेष मुनाफा हो, जिसे वह अपने शेयरधारकों के साथ बांटना चाहती है।
- शेयरधारकों की मंजूरी: बोनस शेयर जारी करने का निर्णय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा लिया जाता है, लेकिन इसे शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
भारत में बोनस शेयर का टैक्सेशन
भारत में बोनस शेयर पर टैक्स का प्रावधान इस प्रकार है:
- बोनस शेयर प्राप्त करने पर शेयरधारक को कोई टैक्स नहीं देना होता है।
- जब बोनस शेयर को बेचा जाता है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। इसकी गणना बिक्री मूल्य और शेयर की खरीदारी के समय की लागत के आधार पर की जाती है।
बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट में अंतर
बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट में भिन्नता होती है:
- बोनस शेयर: इसमें नए शेयर मुफ्त में जारी किए जाते हैं। कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन कंपनी के पास उपलब्ध मुनाफे का उपयोग किया जाता है।
- स्टॉक स्प्लिट: इसमें मौजूदा शेयरों को छोटे भागों में विभाजित किया जाता है, जिससे शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और प्रति शेयर कीमत कम हो जाती है, लेकिन कंपनी के कुल बाजार मूल्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
निष्कर्ष
बोनस शेयर एक प्रभावी तरीका है जिससे कंपनियां अपने शेयरधारकों को उनके निवेश पर पुरस्कृत करती हैं। यह शेयरधारकों को अधिक शेयर देता है और शेयर की तरलता बढ़ाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बोनस शेयर जारी करने से शेयर की कीमत पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन इससे शेयरधारक के कुल पोर्टफोलियो के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं होता।
इस प्रकार, बोनस शेयर उन कंपनियों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है जो अपने शेयरधारकों को लाभांश के बजाय शेयरों के रूप में पुरस्कृत करना चाहती हैं और अपने शेयर की तरलता को बढ़ाना चाहती हैं।