मध्यप्रदेश में मुर्गी पालन एक महत्वपूर्ण स्वरोजगार का साधन बनता जा रहा है, जो किसानों और ग्रामीण युवाओं को आर्थिक मजबूती प्रदान करता है। राज्य और केंद्र सरकारें इस व्यवसाय के विकास के लिए कई योजनाओं को संचालित कर रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य केवल व्यवसाय को प्रोत्साहित करना ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करना है। नीचे कुछ प्रमुख योजनाओं का विवरण दिया गया है।
1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) एक केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना है, जिसका उद्देश्य पशुपालन से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा देना है, जिसमें मुर्गी पालन भी शामिल है। इस योजना के तहत विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे:
- मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए सब्सिडी और कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाना।
- किसानों के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना।
- चूजों के पालन-पोषण के लिए बेहतर आहार और नियमित टीकाकरण की सुविधा देना।
- आपातकालीन सहायता और महामारी नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध।
2. मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना राज्य के किसानों और पशुपालकों को वित्तीय सहायता और संसाधन प्रदान करती है। इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- मुर्गी पालन के लिए प्रारंभिक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- सब्सिडी पर चिक्स, पशु आहार, और वैक्सीन की सुविधा देना।
- कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करना।
- स्वसहायता समूहों के माध्यम से सामूहिक मुर्गी पालन को प्रोत्साहन देना।
3. ग्रामीण आजीविका मिशन
ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति को सुधारना और गरीबी को कम करना है। इसके तहत:
- स्व-सहायता समूहों (SHGs) को मुर्गी पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- समूहों को लघु उद्योगों के रूप में मुर्गी पालन स्थापित करने के लिए ऋण और अनुदान दिए जाते हैं।
- इन समूहों को रियायती दर पर मुर्गियों की खरीद और उपकरणों की व्यवस्था में सहायता दी जाती है।
- बाजार नेटवर्किंग और उत्पाद की बिक्री के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सके।
4. डेयरी और पोल्ट्री विकास योजना
मध्यप्रदेश राज्य सरकार की यह योजना छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है। इसके अंतर्गत:
- पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए किसानों को ब्याजमुक्त या कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।
- उच्च गुणवत्ता वाले चूजे, आवश्यक उपकरण और तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
- मुर्गी पालन से जुड़े विभिन्न स्वास्थ्य और पोषण संबंधी मुद्दों पर भी विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
- प्रारंभिक व्यवसायिक सेटअप के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने में सहायता दी जाती है।
5. महिला उद्यमिता योजना
महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं को मुर्गी पालन व्यवसाय में प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत:
- महिला समूहों को विशेष सब्सिडी पर चूजे, आहार, और अन्य संसाधन प्रदान किए जाते हैं।
- महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता और लोन की सुविधा उपलब्ध है।
- विशेष कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, ताकि महिलाएं इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें।
- महिला समूहों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री में भी मदद दी जाती है।
6. पशुपालन विभाग की विशेष पहल
मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग भी समय-समय पर विभिन्न विशेष पहल करता है, जैसे:
- छोटे और सीमांत किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए मुफ्त चिक्स वितरण कार्यक्रम।
- मुर्गी पालन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए हेल्पलाइन सेवाएं और विशेषज्ञ सलाह उपलब्ध करवाना।
- तकनीकी सेवाओं का ऑनलाइन पोर्टल, जिससे किसान आसानी से योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें और आवेदन कर सकें।
योजना का लाभ कैसे उठाएं
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों और इच्छुक व्यक्तियों को संबंधित जिला पशुपालन कार्यालय या स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और बैंक खाता विवरण।
- योजना के लिए आवेदन पत्र (जो कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त किया जा सकता है)।
- किसी भी वित्तीय योजना के लिए ऋण संबंधी आवश्यक दस्तावेज।
किसान मध्यप्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और पशुपालन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल से भी इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी और आवेदन की प्रक्रिया समझ सकते हैं।
निष्कर्ष
मुर्गी पालन के क्षेत्र में सरकारी योजनाओं और समर्थन से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायता मिली है। मध्यप्रदेश के किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और मुर्गी पालन को एक सफल व्यवसाय में बदल सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि वे सरकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी रखें और उनका भरपूर लाभ उठाएं।