आजकल कई लड़कियों को हो रही है PCOS है या PCOD की बीमारी, जानिए यह क्या है और कैसे पाएं निजात

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovary Disease) आजकल कई महिलाओं में एक आम समस्या बनती जा रही है। यह दोनों ही स्थिति महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी होती हैं और इनके कारण हार्मोनल असंतुलन और अंडाशय में समस्याएं पैदा होती हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि PCOS और PCOD क्या हैं, इनके कारण, लक्षण, और इनसे निजात पाने के तरीके।

PCOS और PCOD क्या हैं?

PCOS और PCOD दोनों ही अंडाशय की स्थितियों से जुड़ी बीमारियां हैं। हालांकि, इनमें कुछ अंतर भी है:

  • PCOS (Polycystic Ovary Syndrome): यह एक सिंड्रोम है जिसमें महिलाओं के अंडाशय में कई छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह समस्या महिलाओं में प्रजनन आयु के दौरान अधिक देखी जाती है।
  • PCOD (Polycystic Ovary Disease): यह अंडाशय की एक स्थिति है जिसमें अंडाशय बड़े हो जाते हैं और इनमें सिस्ट बनने लगती हैं। यह भी हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है और इसका असर महिलाओं के मासिक चक्र पर पड़ता है।

PCOS और PCOD के कारण

इन समस्याओं का मुख्य कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  1. हार्मोनल असंतुलन: शरीर में एंड्रोजन का अधिक उत्पादन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
  2. अनुवांशिक कारण: यदि परिवार में किसी को PCOS या PCOD है तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
  3. इंसुलिन प्रतिरोध: इंसुलिन प्रतिरोध के कारण भी शरीर में एंड्रोजन का उत्पादन बढ़ सकता है।
  4. खराब जीवनशैली: अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव भी PCOS/PCOD को बढ़ावा देते हैं।

लक्षण

PCOS और PCOD के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • अनियमित मासिक धर्म
  • चेहरे और शरीर पर बालों का अत्यधिक बढ़ना (हिर्सुटिज्म)
  • मुंहासे
  • वजन बढ़ना
  • बालों का झड़ना और पतला होना
  • प्रजनन संबंधी समस्याएं

निदान कैसे होता है?

PCOS और PCOD का निदान आमतौर पर डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच, लक्षणों की समीक्षा, ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड से किया जाता है।

उपचार और निजात के तरीके

PCOS और PCOD का इलाज मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव और उचित चिकित्सा से संभव है। निम्नलिखित तरीकों से आप इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं:

  1. स्वस्थ आहार: अधिक फाइबर युक्त भोजन, फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें। शर्करा और जंक फूड से बचें।
  2. व्यायाम: नियमित व्यायाम करना वजन नियंत्रण और हार्मोनल संतुलन के लिए फायदेमंद होता है।
  3. तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों से तनाव कम करें।
  4. दवाइयां: डॉक्टर की सलाह से हार्मोनल संतुलन के लिए दवाइयां ली जा सकती हैं।
  5. इंसुलिन नियंत्रण: यदि इंसुलिन प्रतिरोध का समस्या है, तो डॉक्टर इंसुलिन सेंसिटाइजर जैसी दवाएं सुझा सकते हैं।

घरेलू उपचार

  • मेथी के बीज: मेथी के बीजों का सेवन इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • अलसी के बीज: यह शरीर में हार्मोन संतुलन बनाए रखता है।
  • सहजन (मोरिंगा): सहजन की पत्तियों का सेवन भी फायदेमंद माना जाता है।

निष्कर्ष

PCOS और PCOD के मामलों में जागरूकता और समय पर उचित कदम उठाना बेहद जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव और सही चिकित्सकीय परामर्श से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। महिलाओं को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी असामान्य लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें।

उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा और PCOS/PCOD से निजात पाने में सहायता करेगा।